कहानी दुखों की

 बहुत ही कम उम्र में उसकी शादी हो गयी थी। कारण था - गरीबी। चार भाई बहनों में वो सबसे बड़ी थी। उसके पिताजी कुछ काम नहीं करते थे। उसकी माँ घर-घर जाकर चूड़ियाँ बेचती थी। उसके पिताजी ने दो शादियाँ कर रखी थीं। छोटी पत्नी से भी उनको तीन बेटे थे। एक तो गरीबी ऊपर से इतना बड़ा परिवार। दो वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किल से हो पाता था। दो पत्नियाँ होने की वजह से आये दिन उनके घर लड़ाई होती रहती थी। घर की लड़ाई से उनको इतनी फुरसत कहाँ थी कि बच्चों की शिक्षा या परवरिस के बारे में सोच पायें। सिर्फ शादी की चिंता थी। इसीलिए जैसे ही शादी का प्रस्ताव आया उन्होंने चंदा की शादी कर दी। बहुत ही कम उम्र में चन्दा की शादी हो गयी। अभी तो उसकी स्कूल जाने की उम्र ही थी। वह ज्यादा पढ़ी-लिखी तो नहीं थी पर उसे दो काम बहुत अच्छे से आते थे - जमकर काम करना और बदले में कुछ ना माँगना। उसके इसी स्वभाव को देखते हुए उसकी सासुमा ने उसको और भी काम सिखाने में हाथ बटाना शुरू कर दिया। उन्होंने उसे अपनी बेटी के जैसे रखा। उसका ससुराल भी काफी बड़ा था। सास-ससुर के अलावा उनके 6 बेटे बेटियाँ थीं जिनमें से कुछ की शादियाँ और बच्चे भी हो चुके थे। चन्दा की शादी सबसे छोटे बेटे से हुई थी। उसके लिए कुछ बदला नहीं था। बड़ा परिवार वहाँ भी था और यहाँ भी था। गरीबी वहाँ भी थी और यहाँ भी थी। उसने इसे अपना भाग्य मानकर स्वीकार कर लिया था। शादी के कुछ दिनों बाद ही परिवार के सभी लोग अलग हो गए। सबने अपने-अपने लिए अलग जगह मिट्टी का घर बना लिया और अपने हिसाब से काम करने लगे। किसी ने छोटी-सी दुकान खोल ली तो कोई खेती करने लगा। छोटे बेटे को आवारागर्दी के सिवा कुछ नहीं आता था। जिम्मेदारियों से तंग आकर वह घर से भाग निकला। कई सालों तक उसने शहरों में काम किया। रोज कुछ काम करता था और जो पैसे मिलते उससे कुछ खा लेता था। बस में खलासी, उसके बाद कंडक्टर और फिर ड्राइवरी की। जब समय मिलता तो मशीनों के कलपुर्जे ठीक करने की कला भी सीखने लगा। आखिरकार कुछ सालों के बाद वह वापस आया। उसने एक छोटी-सी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान खोली। उसे समझ आ गया था कि पैसे कैसे कमाने हैं। इतने सालों तक चन्दा ने गरीबी से जूझते हुए अपने पति का इंतजार किया था। वह अपने सासुमा के साथ ही थी। समय आगे बढ़ता गया और अब उनकी गरीबी थोड़ी कम हो चुकी थी। सब सही चल रहा था पर फिर उसने देखा उसका पति शराब और सिगरेट के नशे में डूबता जा रहा है। कई दिनों तक गायब रहता है और जब आता है , एक-दो दिन रुकता है और फिर गायब हो जाता है। कुछ दिन बीते। अब दोनो में लड़ाईयाँ भी होने लगी। बात मारपीट तक आ गयी। आये दिन मार खाने के बाद भी चन्दा सब सहती रही। उसका मन तो करता था कि वो कहीं भाग जाये पर फिर वो अपने दोनों बेटों के मुँह देखती थी, उसे पता था की उसका पति एक हैवान है पर वो एक अच्छा पिता है। उसने अपने बच्चों पे कभी हाथ नहीं उठाया। साथ-ही वह अपने बच्चों को स्कूल में पढ़ा रहा है। समय बीतता गया और वो दुख सहती रही। फिर एक दिन उसे पता चला कि उसके पति का अफेयर चल रहा है। उसके तमाम कोशिशों के बावजूद जब उसने देखा कि ये अफेयर नहीं रुकने वाला तो उसने दिल में पत्थर रखकर उस दूसरी लड़की को घर बुला लिया। उसने अपने पति को कहा कि अगर इस लड़की के साथ रहना है तो इसे घर में रखो पत्नी बनाकर। काफी लड़ाई और मारपीट के बाद वो तीनों साथ रहने लगे। चन्दा के साथ इतनी मारपीट हुई कि उसके बदन की न जाने कितनी हड्डियाँ टूट गईं। रोती रहती थी पर काम करते रहती थी। लोग कहते थे अपने माँ-बाप के पास चले जा पर नहीं जाती थी। वो अपने दोनों आंखों के तारों को अपने से दूर नहीं करना चाहती थी। पुलिस केस भी नहीं करती थी क्योंकि बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता। सालों बीत गए हैं। उसके बड़े बेटे की शादी हो चुकी है। दो छोटे-छोटे पोते हैं। उसका छोटा बेटा अपने आगे की पढ़ाई करने बाहर दूर शहर गया हुआ है। अब उसका पति उसके साथ मारपीट नहीं करता। नशे को भी अलविदा कह दिया है। चन्दा जब-भी  इलाज कराने जाती है तो उसको साथ लेकर जाता है। पता नहीं किसलिए। शायद इसलिए कि हो सकता है उसे अपने किये का पछतावा हो या फिर शायद इसलिये कि चन्दा किसी डॉक्टर से सच न कह पाये। उसके दोनों जांघ में सूजन आ जाती है जहाँ उसके पति ने हथोड़े से उसको मारा था। उसका सिर हमेशा काँपते रहता है। गाड़ी में बैठकर भी वो ज्यादा दूर का सफर तय नहीं कर पाती। उसके कमर में ताकत ही नहीं बची है। इस स्थिति में भी वो घर के सारे बर्तन माँजती है, झाड़ू लगाती है, और अपने पति के मनपसन्द की सब्जी बनाती है। दवाइयों के सहारे अपनी जिंदगी काट रही है। हाल-ही में उसके पति को किसीने ये बता दिया है कि अपनी दूसरी पत्नी को बिना गंगा-स्नान कराये वो अपनी दूसरी पत्नी से हुई बेटी की शादी नहीं करा सकता। और यह गंगा-स्नान उसे अपनी पहली पत्नी के साथ मिलकर कराना होगा। चन्दा ने अपने पति को बताया है कि ये हजारो किलोमीटर का सफर वह नहीं कर पायेगी पर उसके पति ने जिद पकड़ ली है। उसने कहा है कि वो चन्दा के लिए गाड़ी के पिछले सीट में सोने की व्यवस्था कर देगा। एक प्लेट और गद्दा डाल देगा। उसको बैठकर नहीं जाना पड़ेगा। और अगर चन्दा बीमार पड़ी तो वह इलाज करा देगा पर उसे चलना ही पड़ेगा। चन्दा अकेले बैठकर अपने टूटे-फूटे शरीर को देखते हुए सोच रही है कि पता नहीं इस सफर से जिंदा वापस लौट भी पाएगी या नहीं।




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