रुतांशी की कलम से
अच्छी कविता हो या अच्छी कहानी, वह अच्छी तभी बन पाती है जब उनमें भावनाएँ उभर कर आती हैं। भावनाओं के उभर के आने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि लिखने वाले की ये सच्ची भावनाएँ होती हैं| एक अच्छा लेखक अपने आप को किसी के भी जगह पर रखकर उसकी भावनाएँ अपनी लेखनी में उतार सकता है। यही कारण है की शराब को कभी हाथ न लगाने वाले श्री हरिवंशराय बच्चन ने पूरी मधुशाला लिख डाली थी। हमारी यह नई लेखिका जिनका नाम रुतांशी प्रधान है ये भी ऐसी ही प्रतिभा की धनी हैं। उनकी कलम से निकली कुछ रचनाएँ पेश हैं -
(1) थोड़ा सा....
परियों से थोड़ा कम, हकीकत से थोड़ा ज़्यादा
लगूँ खूबसूरत हर पल, बस यही है इरादा।
लोगों से थोड़ा कम, खुद से थोड़ा ज़्यादा
खुश रहने का करूँ वादा।
मदहोशी में कम, होश में ज़्यादा
मनमानियाँ करने का है इरादा।
बातों से कम, हकीकत में ज़्यादा
पूरा करूँ अपना हर वादा।
औरों से कम, खुद से ज्यादा
प्यार करने का है इरादा।
ज़िंदगी से लड़ने का कम, ज़िंदगी जीने का ज़्यादा
ऐ ज़िंदगी, तुझसे है वादा।
परियों से थोड़ा कम, हकीकत से थोड़ा ज़्यादा
लगूँ खूबसूरत हर पल, बस यही है इरादा।
(2) उनसे मिलना....
उनसे मिलना इतेफाक था
उनसे बात करना इतेफाक था
उनके साथ हँसना इतेफाक था
उनके साथ चलना इतेफाक था
उनका अपना सा लगना इतेफाक था
और हमारा वज़ूद
शायद हमारा वज़ूद ही उनके लिए इतेफाक था!
(3) माना कि वो कल था
पर वो बीता हुआ खूबसूरत पल था।
(4) अगर मैं नदी हूँ तो तु दरिया है
अगर मैं ज़िंदगी हूँ, तो उसे जीने का तु ज़रिया है।
(5) टूट गया तो क्या हुआ, मैं तेरा हिस्सा हूँ
बीत गया तो क्या हुआ, तेरी ही ज़िंदगी का किस्सा हूँ।
(6) लोग मोहब्बत में आशिक़ ढूंढने चले थे
और एक हम थे जो खुद पर ही दिल लगाए बैठे थे।
(7) हम शौक से शौक नहीं रखते
बस हर दफा अपने मन का किया करते हैं।
🙏🙏👍🤘
ReplyDelete🙏🏻😊
Delete🙏🏻😊
ReplyDeleteशब्द हैं थोड़े कम, भावनाएं हैं थोड़े ज्यादा
ReplyDeleteशौक से शौक नहीं, तो इत्तेफाक ही है - तुम्हारे लिखने का इरादा....
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻😊
Deletelage rho yaayaawar
ReplyDeletenice poetry Rutanshi....
Thank you 🙏🏻😇
DeleteKya bat h... 👏👍
ReplyDelete🙏🏻😊
Deleteन कलम रुकि न कागज भरा | वो कवि था जो उनमें जिन्दा रहा ||
ReplyDeleteबहुत खूब !!
Delete👍👌👌👌
ReplyDelete🤝😊
Deletekaise likh lete ho bhai itna achchha. or koi poetry ho to please share kare
ReplyDeleteDhanyawad :-) Zaroor
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